मेरी जीवन यात्रा
"मेरी जीवन यात्रा" तेईस साल के उम्र में सोलह शिक्षा संस्थानों में से पढ़ाई पूरी हो गई। इंजीनियर होकर पहले बार पुणे के चिंचवड़ गांव में कुपर मशिन टुल कंपनी में काम करने लगा। एक ही बरस में पहले बार होने वाले स्वयंचलीत कम्पूटर प्रणाली के बड़े मशीनों का निर्माण का मौका मिला। अनुभव का फायदा, क्रॉम्प्टन ग्रीव्ज अहमदनगर के कंपनी में अच्छी तरह मिला। मेन्टेन्स और इंजिनियरिंग क्षेत्रों में मॅनेजर पद पर अच्छे से प्रोजेक्ट्स किये। स्वतंत्र रूप से गोवा में नया कंपनी निर्माण कार्य छे महीनों में पूरा करने भी अवसर मिला। चौंतीस साल के दौरान पुरे भारत के विभिन्न भागों का अवलोकन किया।दुनिया में भी अभिनव टेक्नोलॉजी के प्रयास हुए। उसकी पॅरिस जैसे शहर में जागतिक एक्झिबिशन के अवसर पर भाग लेने के समय युरोपीयन विभिन्न देशों में भी काफी समय बिताया। सिर्फ नोकरी में ही इंजीनियरिंग का प्रभुत्व दिखाई दिया ऐसा नहीं तो साथ साथ सामाजिक कामों में भी दख़ल दिया। कंपनी के माध्यम से देहातो के स्कूलों में कम्पुटर, सायन्स हॉल, शौचालय और रोटरी इंटरनेशनल क्लब के माध्यम से गरीब जनता के स्वास्थ्य के प्रति ऑंखो की शस्